Vipin Bansal

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कविता = ख़ानदानी

कविता ( ख़ानदानी )


ख़ानदानी उनको !
कहता ये जहान !!
चरित्र से जो गिर गए !
पैसे से मालामाल !!
नग्नता की देखो !
क्या दी मिसाल !!
फ्रैंकली शब्द को !
बना लिया ढ़ाल !!
ख़ानदानी उनको !
कहता ये जहान !!
चरित्र से जो गिर गए !
पैसे से मालामाल !!

रोटियों से दामन !
हुआ दाग़दार !!
कोठो पर उठाते !
क्यों हो सवाल !!
बंगलों से चलता !
यहाँ कारोबार !!
बंगलों में रहते !
इनके दलाल !!
ख़ानदानी उनको !
कहता ये जहान !!
चरित्र से जो गिर गए !
पैसे से मालामाल !!

शरीफों का ओढ़े !
जो हैं लिबास !!
कोठो की खूँटी पर !
टंगे वो लिबास !!
राज कुंद्रा का देखा हाल !
कैसे हुआ वो मालामाल !!
शराफ़त की उतरी !
जब वो‌ खाल !!
ख़ानदानी उनको !
कहता ये जहान !!
चरित्र से जो गिर गए !
पैसे से मालामाल !!

विपिन बंसल

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8 Comments

Renu

23-Mar-2023 08:36 PM

👍👍💐

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Abhinav ji

23-Mar-2023 09:17 AM

Very nice 👌

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अदिति झा

23-Mar-2023 07:57 AM

Nice

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